Wednesday, 20 November 2019

तैयार रहें। अगले महीने से टेलिकॉम कंपनियां महँगा कर सकती है डेटा और कॉलिंग सर्विसेज।

ऐसा सुनने में आ रहा है की अगले महीने से एयरटेल,जिओ और वोडाफ़ोन आईडिया ने अपनी tariff में अगले महीने से बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। अब बात ये है की क्या डेटा भी महंगा होगा?

                                          representational image 
  • सभी कंपनियों ने एलान किया है टैरिफ में बढ़ोतरी के 
  • डेटा भी महंगा होना तय 

फिलहाल  इंडिया में सभी देशों के मुकाबले सबसे सस्ता डेटा है।  ऐसा Reliance Jioके आने के बाद हुआ है डेटा रेट में काफी तेजी से गिरावट हुई और अभी डेटा काफी सस्ता हो चुका है।  लेकिन रिलायंस जियो के इंडस्ट्री में आने के बाद सिर्फ डेटा और कॉलिंग सस्ते हुए, ऐसा नहीं है बल्कि दूसरी टेलीकॉम कंपनियों का बुरा दौरा भी शुरू हो गया।
एयरसेल, टेलीनॉर, आर कॉम जैसी कंपनियां खत्म हो गईं, जबकि आइडिया और वोडाफोन का मर्जर हो गया. अब ये भी खबर आ रही है कि वोडाफोन भारत से अपना बिजनेस समेट सकती है. एयरटेल के भी कस्टमर्स गिरे हैं. लेकिन अब सस्ता डेटा महंगा होने वाला है।  

एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस जियो- इन तीनों बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ने दिसंबर से अपने सभी टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया है।  इनमें प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ही यूजर्स होंगे. हालांकि अब तक इन कंपनियों ने नए प्लान्स जारी नहीं किए हैं। 

खास बात ये है कि अब कॉलिंग के साथ साथ डेटा भी महंगा होगा।  वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है।   इतना ही नहीं सितंबर महीने में कंपनी के 25.7 लाख कस्टमर्स कम हो गए हैं। 

एक्स्पर्ट्स का मानना है कि लगातार हो रहे घाटे की वजह से कंपनियां तेजी से अपने टैरिफ की कीमतें बढ़ाएंगी।  हालांकि इन तीनों कंपनियों ने टैरिफ रेट बढ़ाने के पीछे  जो वजह बताई है वो AGR है।   94 हजार करोड़ रुपये की रकम सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को बतौर AGR सरकार को चुकाना है।  इस राशि में आधे से ज्यादा वोडाफोन आइडिया के हिस्से में आता है।  
हाल ही में रिलायंस जियो ने IUC का हवाला देते हुए नॉन जियो कॉलिंग पर पैसे लेने का ऐलान किया है।  इसके लिए कंपनी ने नए पैक्स लॉन्च कर दिए हैं।  इसके पीछे रिलायंस जियो ने ये तर्क दिया कि TRAI ने कहा था कि IUC चार्ज को खत्म कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। 



  क्या कहती है Telicom कंपनियां ?

IUC को लेकर एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की राय रिलायसं जियो से बिल्कुल अलग है।  इन दोनों कंपनियों ने कहा है कि TRAI जो IUC चार्ज लेती है वो अब भी इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से कम है।  इन कंपनियों का कहना है कि इस वजह से भी टेलीकॉम इंडस्ट्री की हालत इस वक्त खस्ता हो रही है।  कुल मिलाकर इन कंपनियों का ये कहना है कि IUC चार्ज और बढ़ाना चाहिए ताकि इस इंडस्ट्री को रिवाइव किया जा सके। 

BSNL की बात करें तो इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी की हालत बद से बदतर होती जा रही है।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसएनल को बेचने की तैयारी चल रही है।  कर्मचारियों की छटनी काफी पहले से शुरू हो चुकी है।  सरकार अगर 20 हजार करोड़ रुपये का कर्च नहीं चुकाती है तो शायद बीएसएनल के 1 लाख कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटक सकती है।  एक रिपोर्ट के मुताबिक पेंडिंग पेमेंट की वजह से पूरे सिस्टम पर असर पड़ रहा है।  


   रिवाइज होंगे Tarif Rate 

1 दिसंबर से भारत की सभी टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ रेट रिवाइज होंगे।  इसमें कॉलिंग से लेकर डेटा तक महंगे किए जाएंगे।  हालांकि एक बार में कंपनियां कस्टमर्स को ज्यादा बड़ा बोझ नहीं देंगी। लेकिन टेलीकॉम सेक्टर में जिस तरह की क्राइसिस चल रही है इससे लगता है कि आने वाले समय में फिर से कंपनियां टैरिफ रेट बढ़ा सकती हैं। 

आसान शब्दों में कहें तो अब रिवाइवल के लिए कंपनियां सरकार से उम्मीद लगा कर बैठी हैं।  टेलीकॉम कंपनियों और सरकार के बीच AGR को लेकर जो बातचीत चल रही थी।  हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हित में फैसला लेते हुए कंपनियों को AGR चुकाने का आदेश दिया है जो 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है। source-आज तक 
  


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